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श्याम भक्त श्री श्याम बहादुर जी
Monday, June 17, 2019 IST
श्याम भक्त श्री श्याम बहादुर जी

श्री श्याम बहादुर जी जन्म फतेहपुर राजस्थान में हुआ था |इनके पिता लाला शादी रामजी कसेरा श्याम बाबा के अनन्य भक्त थे |
 

 
 

श्याम बाबा स्वयं गये अपने भक्त श्याम बहादुर से रेवाड़ी  मिलने :
खाटू में श्याम बाबा ने अपने सेवको को स्वप्न में बताया की उनका परम अनन्य भक्त रेवाड़ी में दुखी है इसलिए तुम मुझे उसके पास लेके चलो | श्याम सेवको ने श्याम आज्ञा के अनुसार बैलगाड़ी से श्री खाटू श्याम जी को रेवाड़ी लेके गये | श्याम बाबा ने रेवाड़ी में ४ दिन निवास किया और अपने भक्त को चिंता छोड़ने के बात कही | श्याम बाबा ने उन्हें आशीष दिया की वो श्याम बाबा का परम भक्त बनेगा और हर श्याम भक्त उनके सामने भी शीश नवायेंगे |
 
घर के जागरण में दर्शन दिए श्याम प्रभु ने :
एक बार श्याम बहादुर  जी के परिवार ने अपने ही घर बाबा श्याम का जागरण रखा जिसमे श्याम जी ने साक्षात् इन्हे दर्शन दिए | तब से श्याम बहादुर जी जब भी मौका मिलता खाटू श्याम दर्शन के लिए चले जाते |
 
श्याम कृपा से बंद कपाट भी ताले टूट कर खुल गये :
सन १९७७ में एक बार श्याम बहादुर  जी हर वर्ष की तरह इस  बार भी अपने मंडली के साथ खाटू पहुंचे | यह दिन फाल्गुन शुक्ला द्वादशी का था | मंदिर के सामने पहंच कर उन्हें बड़ी हताशा हुई क्योकि तत्कालीन राजा के आदेश पर मंदिर के कपाट बंद थे |  श्याम बहादुर  ने दर्शन करने के लिए बड़ी मिन्नत की पर उन्हें दर्शन नही करने दिया गया | हताश होकर उन्होंने कपाट के ताले पर अपनी मोरछड़ी मारी | फिर शुरू हुआ श्याम बाबा का चमत्कार | मोरछड़ी के छूने मात्र से ताले के टुकड़े टुकड़े हो गये और स्वत: ही मंदिर के दरवाजे खुल गये | श्याम बहादुर जी  ने अपने आराध्य के दर्शन किये और पुरे खाटू नगरी में भक्त और भगवान के जयकारे गूंजने लगे |
 

 
 

नेत्रहीन को दिया आंखो का दान :
एक बार बाबा के दरबार में एक नेत्रहीन भक्त आया | आँखों में रौशनी तो नही थी , पर उसकी आँखों से नीर बरस रहा था और वो बाबा श्याम से अपनी आँखों की ज्योति मांग रहा था | श्याम बहादुर  जी ने उसे देखा और उनसे रहा नही गया | उन्होंने बाबा से वितनी की वे उनकी एक आँख लेकर इसकी आँखों की ज्योति जला दे | बाबा ने ऐसा ही किया तब ही तो कहते है की बाबा श्याम के दरबार से कोई खाली हाथ नही जाता |
 
आलू सिंह जी को बनाया अपना शिष्य :
बाबा श्याम के आदेश पर जब आलू सिंह जी के भाई आलूसिंह जी को श्याम बहादुर जी ने मिलाने के लिए रेवाड़ी लाये तो बाबा के प्रति अनन्य भक्ति देखकर इन्होने आलू सिंह जी को अपना शिष्य बना लिया और उन्हें श्याम भक्तो का महा गुरु बनने का आशीष दिया |

 
 
 
 
 

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Shibu Chandran
2 hours ago

Serving political interests in another person's illness is the lowest form of human value. A 70+ y old lady has cancer.

November 28, 2016 05:00 IST
Shibu Chandran
2 hours ago

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November 28, 2016 05:00 IST
Shibu Chandran
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November 28, 2016 05:00 IST
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