एक भारतीय सैनिक का मंदिर, जहां चीनी सेना भी झुकाती है सिर
Monday, March 2, 2020 IST
बाबा हरभजन सिंह: मरने के बाद भी निभा रहे हैं ड्यूटी
सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर एक सैनिक ऐसे भी हैं जो मौत के 48 साल बाद भी सरहद की रक्षा कर रहे हैं। सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन भारतीय सैनिक बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में चीनी सेना भी सिर झुकाती है। आखिर कौन हैं यह बाबा जिसका भारतीय सेना ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मंदिर बनवाया हुआ है। लोगों का भी ऐसा ही मानना है और दूर-दूर से लोग यहां बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में पूजा करने आते हैं।
जेलेप और नाथुला दर्रे के बीच है मंदिर
सिक्किम की राजधानी गंगटोक में जेलेप दर्रे और नाथुला दर्रे के बीच बना बाबा हरभजन सिंह मंदिर लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
मत्था टेकने आते हैं सभी सिपाही और अधिकारी
भारतीय सेना का ऐसा कोई सिपाही और अधिकारी नहीं है जो भारत-चीन बार्डर पर चौदह हजार फुट की ऊंचाई वाले बर्फीले पहाड़ों में बने बाबा के मंदिर में मत्था न टेकता हो।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
बाबा हरभजन सिंह का जन्म जिला गुजरांवाला (वर्तमान पाकिस्तान में) के सदराना गांव में 30 अगस्त 1946 को हुआ था।
नाथुला का हीरो हैं बाबा
बाबा हरभजन सिंह 23वीं पंजाब बटालियन के सैनिक थे। इन्होंने सन 1966 में सेना ज्वॉइन की थी। भारतीय सेना के इस जांबाज सैनिक को 'नाथुला का हीरो' के नाम से जानता है।
गहरे नाले में गिरने से हुई थी मौत
भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट में सिपाही के पद पर तैनात हरभजन 4 अक्टूबर 1968 को अपने काफिले के साथ जा रहे थे, तभी दुर्घटनावश एक गहरे नाले में गिरने से उनकी मौत हो गई। उस समय न तो उनका शव मिला और न ही कोई जानकारी मिली।
दोस्त के सपने आकर दी जानकारी
बाद में बाबा हरभजन सिंह ने अपने एक दोस्त के सपने में आकर अपने शव के बारे में जानकारी दी। तब फिर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मौत के बाद भी कर रहे ड्यूटी
लोगों का ऐसा मानना है कि तब से लेकर आज तक बाबा हरभजन सिंह की आत्मा यहां सरहदों की रक्षा करती है। ऐसा कहा जाता है कि अपनी मौत के बाद भी हरभजन सिंह सेना को समय-समय पर तमाम जानकारियां उपलब्ध कराते रहे और अलर्ट करते रहे हैं।
फ्लैग मीटिंग में रखी जाती है कुर्सी
सेना ने इसके बाद ही बाबा का मंदिर बनवाया। इस मंदिर में बाबा हरभजन सिंह की एक फोटो और उनका सामान रखा हुआ है। सिक्किम के लोग बताते हैं कि बॉर्डर पर होने वाली भारत और चीन की फ्लैग मीटिंग में बाबा हरभजन के लिए एक अलग से कुर्सी रखी जाती है।
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